वक्त गुज़र जाता है......
पिछले सन्डे घर के पड़ोस में एक बुज़ुर्ग की डेथ हो गयी। 10 साल बाद उनका वो बेटा भी आया जो पिछले 10 सालों से विदेश में था। वो बुज़ुर्ग पहले अक्सर मेरे पास आया करते थे अपने इस विदेश बसे बेटे को इमेल करवाने के लिए। बड़े प्यार से सोच सोच कर बोलते ये भी लिख दो, वो भी लिख दो, उससे बोलना मेरे लिए ब्लड प्रेशर वाली मशीन भेज दे मेरे लिए। मै उनकी आँखों में बेटे से मिलने की तड़प देखती थी एक दिन मैंने उनके बेटे को अपनी और से मेल किया की अप अगर चाहे तो मै वेब कैम पर आपकी बात करवा सकती हूँ पर ईमेल का कोई जवाब नहीं आया, बाबा जी रोज़ पूछते कोई जवाब आया ? और मेरा जवाब होता नहीं आया। पिछले सन्डे बाबा की डेथ हो गयी और अब उनका वो बेटा अब इंडिया आया है। आज अगर बाबा जी होते तो ख़ुशी से फूले न समाते। लेकिन न आज बाबा है, न उनका भावुक मन, न वो तड़प जो बेटे से मिलने के लिए मचल रही थी। है तो फ्रेम में टंगी हुई उनकी फोटो, उस फोटो पर चन्दन की माला। अब वो सब मिलने हैं जिनके मिलने न मिलने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। जिसे फर्क पड़ता वो अब है नहीं। वक्त गुज़र जाता है और वक्त के साथ इन्सान भी......
पिछले सन्डे घर के पड़ोस में एक बुज़ुर्ग की डेथ हो गयी। 10 साल बाद उनका वो बेटा भी आया जो पिछले 10 सालों से विदेश में था। वो बुज़ुर्ग पहले अक्सर मेरे पास आया करते थे अपने इस विदेश बसे बेटे को इमेल करवाने के लिए। बड़े प्यार से सोच सोच कर बोलते ये भी लिख दो, वो भी लिख दो, उससे बोलना मेरे लिए ब्लड प्रेशर वाली मशीन भेज दे मेरे लिए। मै उनकी आँखों में बेटे से मिलने की तड़प देखती थी एक दिन मैंने उनके बेटे को अपनी और से मेल किया की अप अगर चाहे तो मै वेब कैम पर आपकी बात करवा सकती हूँ पर ईमेल का कोई जवाब नहीं आया, बाबा जी रोज़ पूछते कोई जवाब आया ? और मेरा जवाब होता नहीं आया। पिछले सन्डे बाबा की डेथ हो गयी और अब उनका वो बेटा अब इंडिया आया है। आज अगर बाबा जी होते तो ख़ुशी से फूले न समाते। लेकिन न आज बाबा है, न उनका भावुक मन, न वो तड़प जो बेटे से मिलने के लिए मचल रही थी। है तो फ्रेम में टंगी हुई उनकी फोटो, उस फोटो पर चन्दन की माला। अब वो सब मिलने हैं जिनके मिलने न मिलने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। जिसे फर्क पड़ता वो अब है नहीं। वक्त गुज़र जाता है और वक्त के साथ इन्सान भी......
:-(
ReplyDeleteबड़ी कसमसाहट होती हैं ऐसा कुछ देख सुन या पढ़ कर...
रिश्तों से प्यार जाने कहाँ गुम हो गया...
अनु
Aise kai kaduvaht bharey vinduon ka mainey bhi sakchatkar kiya hai ...apki abhibykti dil ko choo gai .
ReplyDeleteमार्मिक .... बच्चे कहाँ समझते हैं इस कसक को
ReplyDelete्ये बात कहाँ बच्चे समझ पाते हैं
ReplyDeletebahut dukhad hai...
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