हर हँसते चेहरे के पीछे
टूटा सा एक दिल होता है जी लूँ कुछ पल साथ तुम्हारे
सुन लूँ तेरे सारे सुख दुःख
कह दूँ तुझसे मन की गाथा
ऐ पल थम जा,थोड़ा सा रुक
समझ न पाई क्या न भाया
कब मैंने तुझको उकसाया
कब कह दी कुछ कडवी बातें
कब कुछ अनचाहा सा गाया
कब सिरहाने आकर तेरे
नींद तुम्हारी खारी कर दी?
कब आँखों को अश्क दिए
और पलकें तेरी भारी कर दी?
इतने सारे प्रश्न छोड़कर
ऐसे कैसे जा सकते हो?
कारण कोई भी हो मुझको
खुल कर तुम बतला सकते हो
मन पर बोझ उठा कर जीना
थोडा सा मुश्किल होता है
हर हँसते चेहरे के पीछे
टूटा सा एक दिल होता है
- रंजना डीन