Tuesday, November 29, 2011

बर्फ बनकर रेत शायद उड़ रही है
धुंध लहरा कर फलक से जुड़ रही है
कुछ कदम पर जा के सबकुछ गुमशुदा है
क्या पता राहें कहाँ को मुड़ रही हैं
चाँद के मुह से भी धुआं आ रहा है
आजकल जल्दी वो सोने जा रहा है
चांदनी ये देखकर गमगीं हुई है
चाँद की खातिर वो स्वेटर बुन रही है

Monday, November 7, 2011

मेरी कभी भी याद न आये


कभी बरसे जो आँखों से
तो सावन थाम लेना तुम
कोई दुश्मन जो याद आये
तो मेरा नाम लेना तुम

यूँ करना नफरतें मुझसे
की सारी याद बह जाये
बचे न नर्म सा कुछ भी
सुलगती आंच रह जाये

की शायद ये तरीका
तुमको कुछ राहत दिला पाए
तुम्हे भूले से फिर मेरी
कभी भी याद न आये

Friday, November 4, 2011

सर्दियां



गर्मियों की सर्दियों से गुफ्तगू होने लगी
धूप अब अपनी तपिश वाली चुभन खोने लगी

शाम आ जाती है जल्दी रात की आगोश में
ओस अब हर शय पर हीरों की फसल बोने लगी

नर्म शामें, गर्म शालें, और बर्फीली हवा
चांदनी भी अब रजाई में दुबक सोने लगी

मूंगफलियाँ छीलती बैठी है दादी धूप में
गोरी सी रंगत पिघल कर ताम्बई होने लगी

Tuesday, November 1, 2011

Birthday Remainder

ऑरकुट पर आ रहा है
एक Birthday Remainder
एक प्यारी सी लड़की का
और मै न चाहते हुए भी
पहुच जाती हूँ उसकी प्रोफाइल तक
खुद को रोकते टोकते हुए भी

मै जानती हूँ वो कोई स्क्रैप नहीं देखने वाली
न ही कोई Reply करेगी
लेकिन उसके आंखे, उसकी चुप्पी
उसकी मोतियों सी लिखावट
सब अभी भी याद है मुझे

पर इस बार वो नहीं होगी
अपनी क्लास में केक काटने के लिए
और उसका चेहरा chocolate और Cream से
नहाया हुआ नहीं होगा

पर ऑरकुट को क्या पता की अब वो कहा है ?
उसकी उँगलियाँ अब किबोर्ड की पहुच से कितनी दूर है ?
वो अपनी प्रोफाइल delete करने नहीं आ सकती
पर अपने Birthday Remainder के साथ ही याद दिला जाती है सबकुछ

हाँ याद है क्योंकि ...
अब सिर्फ यादें ही तो हैं उसकी
वो तो चली गयी सिर्फ यादों के कुछ लम्हे देकर
अपने जन्मदिन आने से कुछ दिन पहले

तो आज मै तुम्हे याद करके ये कहना चाहूंगी
की हाँ तुम जिंदा हो
आज भी हमारी यादों में
और हम आज भी तुम्हे वैसे ही Birthday Wish करते हैं
जैसे पहले किया करते थे
आज भी और आगे भी आता रहेगा तुम्हारा Remainder
फसबुक और ऑरकुट पर
और हम देते रहेंगे तुम्हे शुभकामनाएं
की जहाँ भी रहो ...खुश रहो !!!!