कजरारी सी काली रातें
प्यार भरी कुछ मीठी बातें
कुछ तुम कहना, कुछ मै बोलू
रात सुनहरी हो जाएगी
होठों की नरमी को छूकर
जुगनू सी आँखों में खोकर
बाँहों में मुझको भर लेना
रात फिसल कर खो जाएगी
हाथों में जब हाथ थामना
जीवनभर का साथ थामना
रात भले कितनी काली हो
नर्म चांदनी बो जाएगी
बेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना प्रभावशाली प्रस्तुति
ReplyDeleteVaah vaah , bahut khoob likha hai ...
Deleteहाथों में जब हाथ थामना
ReplyDeleteजीवनभर का साथ थामना
रात भले कितनी काली हो
नर्म चांदनी बो जाएगी ……………सकारात्मकता को इंगित करती शानदार रचना दिल छू गयी।
prabhu aisee kaamno avashy pooraa kare
ReplyDeleteहाथों में जब हाथ थामना
ReplyDeleteजीवनभर का साथ थामना
रात भले कितनी काली हो
नर्म चांदनी बो जाएगी
....वाह! सकारात्मक सोच लिए बहुत भावमयी प्रस्तुति...
very beautiful..............
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रेममयी भावाव्यक्ति ,बधाई
ReplyDeleteWah! Behtareen....Bahut sundar....
ReplyDeletehttp://www.poeticprakash.com/
वाह!!वाह!!वाह!!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
क्या प्रवाह है ...
बह गए बिलकुल..
Bahut sundar aur gehri abhivyakti.
ReplyDeleteहाथों में जब हाथ थामना
जीवनभर का साथ थामना
रात भले कितनी काली हो
नर्म चांदनी बो जाएगी
Ishwar kare aapke shabdo mai mohabbat hamesha aisi hi khoobsurati leti rahe.
-Shaifali
सुन्दर और सार्थक सृजन, बधाई.
ReplyDeleteआपका मेरे ब्लॉग meri kavitayen की नवीनतम प्रविष्टि पर स्वागत है.
सुंदर रचना....
ReplyDeleteसुंदर भावाव्यक्ति, बधाई...
ReplyDeleteहोठों की नरमी को छूकर
ReplyDeleteजुगनू सी आँखों में खोकर
बाँहों में मुझको भर लेना
रात फिसल कर खो जाएगी
ऐसी रात शायद कभी ख़त्म न हो ..
बहुत सुन्दर रचना के लिए बधाई !
Ati sunder, Lage raho munna bhai :)
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