Sunday, April 25, 2010

वो लम्हें चूम कर हौले से छुपा रखें हैं
की किसी की बुरी नज़र कहीं न पड़ जाये
वो यूँ ही झांके शरारत से मेरी आँखों में
और हम देखकर उनको शर्म से गड़ जाये

5 comments:

  1. ओहो सिर्फ़ चार लाईने और बंदा कत्ल । कमाल है जी कमाल है दोनों जोडी आखों का

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  2. क्या बात है,बहुत खूब!!

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  3. अनुभूति का स्वर प्रशंसनीय ।

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