टूट कर गिरना एकदिन
है ये तारों को पता
ये तो बस किस्मत है उनकी
है नहीं उनको खता
झिलमिलाना काम है
सो झिलमिलातें है सदा
आसमां को, बादलों को
प्यार देते है जता
काश हम भी सीख
उनसे कुछ ऐसी अदा
भूलकर सारे अँधेरे
देते दुनिया जगमगा
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काश हम भी सीख
ReplyDeleteउनसे कुछ ऐसी अदा
भूलकर सारे अँधेरे
देते दुनिया जगमगा
bahut sundar soch ....achchhi rachna...badhai
आसमां को, बादलों
ReplyDeleteप्यार देते है जता
काश हम भी सीख
उनसे कुछ ऐसी अदा
भूलकर सारे अँधेरे
देते दुनिया जगमगा ....
बेहद खूबसूरत.
बहुत अच्छा लिखा है आपने. आभार.
ReplyDeleteवो कहते हैं न 'सूरज अगर ढलता नहीं तो पूरब उसे मिलता नहीं "
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना...
ReplyDeleteप्यार देते है जता
ReplyDeleteकाश हम भी सीख
उनसे कुछ ऐसी अदा
भूलकर सारे अँधेरे
देते दुनिया जगमगा
आशा और उम्मीद का दामन थामे लाजवाब रचना .........