मेहनत की चक्की में पिस करदिन पर दिन घिसती जाती हूँमै टूटे बर्तन के जैसीलगातार रिसती जाती हूँ।बहुत सुन्दर!
haan..padhi thi aap ki yah rachna..achi lagi thi..congrats..
प्रशंसनीय ।
वाह जी, बधाई..मिठाई खिलाओ!
मेहनत की चक्की में पिस कर
ReplyDeleteदिन पर दिन घिसती जाती हूँ
मै टूटे बर्तन के जैसी
लगातार रिसती जाती हूँ।
बहुत सुन्दर!
haan..padhi thi aap ki yah rachna..achi lagi thi..congrats..
ReplyDeleteप्रशंसनीय ।
ReplyDeleteवाह जी, बधाई..मिठाई खिलाओ!
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