ख़बरों के चौराहों पर न जाने क्या क्या बिकता है ये है वो चूल्हा जिस पर हर रोज़ तमाशा सिकता है घर के झगडे, ढोंगी नेता या हो धर्म के ठेकेदार जितने मिर्च मसाला उतना ही चलता इनका व्यापार
सन्नाटे को सुनने की कोशिश करती हूँ...
रोज़ नया कुछ बुनने की कोशिश करती हूँ...
नहीं गिला मुझको की मेरे पंख नहीं है....
सपनो में ही उड़ने की कोशिश करती हूँ.
waaaaaaahhhhhhhhhhhhhhhhhhh ...kya baat hai ...
ReplyDeletedekhan me chotan lagen ghav karen gambheer type ki rachna hai ye to .. :)
news channels ki achhi pol kholi hai ...
aap ke blog pe pehle baar aane ko soubhagya prapt hua aur pehle baar me hi aap ki lekhani ne dil ko chooliya , sadhwad ,
ReplyDeletebahut sahajata se aaj ka nakab hata diya aapne
ReplyDeletebahut khub
ReplyDeleteघर के झगडे, ढोंगी नेता या हो धर्म के ठेकेदार
जितने मिर्च मसाला उतना ही चलता इनका व्यापार
shandar
हल्का फुल्का !
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