impressive kya baat hai aap to kamal hain,kahan thi ab tak aap,shreshta aur naveenta ka sundar mishran,well done,keep it up,n do keep in touch,please do join my blog.
सन्नाटे को सुनने की कोशिश करती हूँ...
रोज़ नया कुछ बुनने की कोशिश करती हूँ...
नहीं गिला मुझको की मेरे पंख नहीं है....
सपनो में ही उड़ने की कोशिश करती हूँ.
बहुत सुन्दर रचना बहुत अच्छी है बधाई
ReplyDeleteलिखी तो आपने सिर्फ चार ही लाइने लेकिन है बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteimpressive kya baat hai aap to kamal hain,kahan thi ab tak aap,shreshta aur naveenta ka sundar mishran,well done,keep it up,n do keep in touch,please do join my blog.
ReplyDeleteबहुत कम शब्दों में बहुत कुछ कह डाला आपने , शुभकामनाएँ !!
ReplyDeleteचार ही लाइने लेकिन है बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteशुभकामनाएँ !
अनुभव हैं यह ! प्रश्नों के रूप में निकल आए हैं । आभार ।
ReplyDeleteऐसा इसलिए है क्योंकि ...
ReplyDelete'' दिल की फितरत है जूझ जाने की '
दिल की आदत है ग़म उठाने की ''
चार लाइनों में लिखी गहरी बात ........... दूर तलाक़ जाने वाली बात .........
ReplyDeleteKOI ITNA UNCHQA YUN HI NAHIN JAA SAKTA
ReplyDeletePAAS HI DARD KI KOI GEHRI NADI JARROR HOGI.
MARVELLOUS,EXCELLENT!SUPERB
U HAVE GREAT NOTIONS OF EMOTIONS.