तुमने देखा बस वही
जो आँखों के आगे दिखा
काश देखा होता तुमने
मन के पीछे क्या छुपा
स्नेह में डूबे हुए मीठे से पल
हमने जो सींचा था वो भीगा सा कल
दर्द का और प्यार का हर एक लम्हा
बन गया था गीत और मीठी ग़ज़ल
पर तुम्हे क्या तुम वही देखो
जो तुमको है पसंद
आँख की खिड़की जो खोलो
मन का फाटक कर दो बंद
मै भी करके बंद
सारी खिड़कियाँ, सब रौशनी
आंसुओ की स्याही से
लिख डालूं कुछ भावुक से छंद
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स्नेह में डूबे हुए मीठे से पल
ReplyDeleteहमने जो सींचा था वो भीगा सा कल
कल की मिठास आज को भी मीठा कर देगा.
सुन्दर रचना
आँख की खिड़की जो खोलो
ReplyDeleteमन का फाटक कर दो बंद ...
की होंगी आपनी खिड़कियाँ बंद
मन का दरवाजा तो खुला था ..
तभी तो रच गए इतने प्यारे छंद ...
बहुत सुन्दर रचना!
ReplyDeleteकाश देखा होता तुमने
ReplyDeleteमन के पीछे क्या छुपा
स्नेह में डूबे हुए मीठे से पल
हमने जो सींचा था वो भीगा सा कल
दर्द का और प्यार का हर एक लम्हा
bahut khoob...
http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/
बहुत सुन्दर रचना!
ReplyDeleteये है कविता ,एक -एक शब्द ह्रदय की असीम गहराइयों से लिखे गए हैं , जीवन के हर भाव को कविता में पिरोने की अदभुत क्षमता है आपमें ,दुःख ,विषाद के क्षणों में ऐसा सृजन निस्संदेह साहसपूर्ण है ,आपको मेरा अभिवादन
ReplyDeletebehad khubsurat rachna.
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