Wednesday, September 28, 2011

भूख जब हो जोर की तो चाँद भी रोटी दिखे...:)

जाने क्यों हर गम बड़ा

और हर ख़ुशी छोटी लगे

खुद का दिल जब साफ़ न हो

हर नियत खोटी लगे

हो ज़हन में जो भी

दिखता है वही हर एक जगह

भूख जब हो जोर की

तो चाँद भी रोटी दिखे...:)

5 comments:

  1. वाह जनाब... क्या बात है बहुत खूब... भावपूर्ण रचना...
    समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
    http://mhare-anubhav.blogspot.com/2011/09/2011.html

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  2. यथार्थ को कहती अच्छी रचना

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  3. भूख जब होती है तो चंद का रोटी लगना जायज है :)

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