ख्वाब जो देखा था मैंने रातभरसुबह की पहली किरण संग ढह गयाकुछ भी हो पर हौसला मत हारनाघोंसला बुनता परिंदा कह गयाबहुत खूबसूरत बात कही है ..सुन्दर अभिव्यक्ति
क्या सोंच है गजब वाह वाह .....
कुछ लिखा कुछ अनलिखा सा रह गयावक़्त का हर वार हँस कर सह गयाहाँ बहुत भारी था, वो लम्हा मगरअश्क की एक बूँद के संग बह गया...लाज़वाब अहसास..बहुत सुन्दर प्रस्तुति
lajwab prastuti...shubhakamnaaye
bahut achchha lagaa...
ख्वाब जो देखा था मैंने रातभर
ReplyDeleteसुबह की पहली किरण संग ढह गया
कुछ भी हो पर हौसला मत हारना
घोंसला बुनता परिंदा कह गया
बहुत खूबसूरत बात कही है ..सुन्दर अभिव्यक्ति
क्या सोंच है गजब वाह वाह .....
ReplyDeleteकुछ लिखा कुछ अनलिखा सा रह गया
ReplyDeleteवक़्त का हर वार हँस कर सह गया
हाँ बहुत भारी था, वो लम्हा मगर
अश्क की एक बूँद के संग बह गया
...लाज़वाब अहसास..बहुत सुन्दर प्रस्तुति
lajwab prastuti...shubhakamnaaye
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