चाँद गम से चूर होकर अश्क टपकाता रहा
और सब कहते रहे ये चांदनी की रात है
बात जैसी दिख रही है हो हकीकत में वही
ये तो बस गफलत है, तेरी कम अकल की बात है
आपके ब्लॉग पर लगा हमारीवाणी कोड अधुरा है, संभवत: कॉपी करते समय त्रुटिवश कुछ छूट गया है. कृपया लोगिन करके सही कोड प्राप्त करके यहाँ पेस्ट करें
wah, चाँद गम से चूर होकर अश्क टपकाता रहाऔर सब कहते रहे ये चांदनी की रात है - Vivek Jain vivj2000.blogspot.com
मस्त लाइनें हैं...बहुत कुछ कहती हैं...दो टूक कहती हैं।
sunder lagi...
और सब कहते रहे ये चांदनी की रात है छोटी रचना सुन्दर भाव से भरी आइये अपने सुझाव और समर्थन के साथ धन्यवाद
एक नया दृष्टिकोण...वाह.. बहुत खूब रंजना जी!
whay an idea,must be appriciated.regards.drbhoopendra singhprewam
क्या बात है Fantastic!!!
आपके ब्लॉग पर लगा हमारीवाणी कोड अधुरा है, संभवत: कॉपी करते समय त्रुटिवश कुछ छूट गया है. कृपया लोगिन करके सही कोड प्राप्त करके यहाँ पेस्ट करें
ReplyDeletewah, चाँद गम से चूर होकर अश्क टपकाता रहा
ReplyDeleteऔर सब कहते रहे ये चांदनी की रात है
- Vivek Jain vivj2000.blogspot.com
मस्त लाइनें हैं...बहुत कुछ कहती हैं...दो टूक कहती हैं।
ReplyDeletesunder lagi...
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ReplyDeleteछोटी रचना सुन्दर भाव से भरी आइये अपने सुझाव और समर्थन के साथ
धन्यवाद
एक नया दृष्टिकोण...वाह.. बहुत खूब रंजना जी!
ReplyDeletewhay an idea,must be appriciated.regards.
ReplyDeletedrbhoopendra singh
prewa
m
क्या बात है Fantastic!!!
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