khud ko dhundhna aur usko pana...ye to sarvottam hai:)
बहुत पसन्द आयाहमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवादबहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
बहुत अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर.
खूबसूरत अभिव्यक्ति अपने ही होने और ना होने के बीच उलझते हम ....
khud ko dhundhna aur usko pana...ye to sarvottam hai:)
ReplyDeleteबहुत पसन्द आया
ReplyDeleteहमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
बहुत अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर.
ReplyDeleteखूबसूरत अभिव्यक्ति अपने ही होने और ना होने के बीच उलझते हम ....
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