रात जाग कर काटी सारी
हर किताब क्यों इतनी भारी
प्रश्न पत्र यूँ हाथ में आया
जैसे कोई बड़ी बीमारी
खुसुर पुसुर, छींक और खांसी
उतरे चेहरे और उबासी
भूल गए सब जाने कैसे
मेहनत की थी अच्छी खासी
जैसे तैसे लिख डाला सब
समय उड़ गया न जाने कब
पता चलेगा बोया कटा
नंबर के फल आयेगे जब
toooooo gud !!!!!!!!!!!!!!!!!
ReplyDeletebahut pyaari rachna
ReplyDeleteजैसे तैसे लिख डाला सब
ReplyDeleteसमय उड़ गया न जाने कब
पता चलेगा बोया कटा
नंबर के फल आयेगे जब
arre vah,aap to bahut achchha likhti hain
sunder....mujhe apne exams yaad aa gayen:)
ReplyDeleteआदत.......मुस्कुराने पर
ReplyDeleteमाँ की परिभाषा........संजय भास्कर
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