मुझे क्या पता जिंदगी कल क्या दिखाएगी
खुशियों की बरसात होगी या आंसुओं की झड़ी लगाएगी
आज को दुरुस्त करने की कोशिशों में लगी हूँ
ये मजबूती ही उस वक़्त साथ निभाएगी
किसको मिलता है सबकुछ इस जहाँ में
और सब मिल गया तो कुछ पाने की चाहत कहा रह जाएगी
थोड़े से अधूरेपन में ही है पूरापन
ये अधूरी चाहतें ही कुछ पाने को उकसाएंगी
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sunder rachna...
ReplyDeletegood lines..
किसको मिलता है सबकुछ इस जहाँ में
और सब मिल गया तो कुछ पाने की चाहत कहा रह जाएगी
दिल को छू रही है यह कविता .......... सत्य की बेहद करीब है ..........
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