Tuesday, September 30, 2014

आज फिर एक साँस टूटी
फिर उगा तारा कोई
ज़िंदगी पायी किसी ने
मौत से हारा कोई।
था बड़े मीठे से दिल का
अश्क़ अब खारा कोई
फिर रहा है आसमान में
बन के आवारा कोई
हम तो अपने अश्क़
कागज़ पर बहा लेते हैं पर
छुप के तनहा रो रहा है
दर्द का मारा कोई
- रंजना डीन

4 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    अष्टमी-नवमी और गाऩ्धी-लालबहादुर जयन्ती की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    --
    दिनांक 18-19 अक्टूबर को खटीमा (उत्तराखण्ड) में बाल साहित्य संस्थान द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय बाल साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
    जिसमें एक सत्र बाल साहित्य लिखने वाले ब्लॉगर्स का रखा गया है।
    हिन्दी में बाल साहित्य का सृजन करने वाले इसमें प्रतिभाग करने के लिए 10 ब्लॉगर्स को आमन्त्रित करने की जिम्मेदारी मुझे सौंपी गयी है।
    कृपया मेरे ई-मेल
    roopchandrashastri@gmail.com
    पर अपने आने की स्वीकृति से अनुग्रहीत करने की कृपा करें।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
    सम्पर्क- 07417619828, 9997996437
    कृपया सहायता करें।
    बाल साहित्य के ब्लॉगरों के नाम-पते मुझे बताने में।

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  2. अच्छी कविता,
    सोचने के बाद किसी के लिए अच्छे काम करना ही कविता है

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  3. nice info!! can't wait to your next post!
    comment by: muhammad solehuddin
    greetings from malaysia

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