Friday, December 30, 2011

नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...:)


जो बीत गया, वो गुज़र गया
था अच्छा या फिर बुरा सही
अब दूध नहीं बन पायेगा
जो जमकर के बन चुका दही

तो भी गम क्या है बहुत जतन
मथ डालो बन जाये मक्खन
फिर तपा इसे घी निकलेगा
हर मेहनत का फल निकलेगा

जो आज बहुत है सस्ता सा
उम्मीद से मंहगा निकलेगा
मेहनत की मिट्टी में बो दो
लोहा भी कुंदन निकलेगा

12 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.

    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  2. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.....!

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  3. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ

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  4. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.....!

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  5. जो आज है बहुत है सस्ता सा
    उम्मीद से मंहगा निकलेगा
    मेहनत की मिट्टी में बो दो
    लोहा भी कुंदन निकलेगा
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति........

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  6. bahut hi sunder...
    nav varsh ki hardik shubhkamnaaen!!!

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  7. सब से पहले तो same pinch ...:) आपकी और मेरी पोस्ट का शीर्षक एक ही है :-)यह सच है कि मेहनत करने वालों कि कभी हार नहीं होती मगर जो बीत गया सो बीत गया कहना बहुत आसान है। मगर सब कुछ भूलाकर आगे बढपाना शायद बहुत मुश्किल... सदा सरल शब्दों में बहुत ही प्रभावशाली रचना लिखी है आपने बधाई ...समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है

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  8. सुन्दर अभिव्यक्ति.........नववर्ष की शुभकामनायें.....

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  9. Bahut khoob ... Loha tap ke hi kundan banta hai ...
    Naye Saal ki Bahut shubh kamnayen ...

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  10. बहुत खूबसूरत प्रस्तुति……………आगत विगत का फ़ेर छोडें
    नव वर्ष का स्वागत कर लें
    फिर पुराने ढर्रे पर ज़िन्दगी चल ले
    चलो कुछ देर भरम मे जी लें

    सबको कुछ दुआयें दे दें
    सबकी कुछ दुआयें ले लें
    2011 को विदाई दे दें
    2012 का स्वागत कर लें

    कुछ पल तो वर्तमान मे जी लें
    कुछ रस्म अदायगी हम भी कर लें
    एक शाम 2012 के नाम कर दें
    आओ नववर्ष का स्वागत कर लें

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  11. सुन्दर अभिवयक्ति....नववर्ष की शुभकामनायें.....

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