
जो बीत गया, वो गुज़र गया
था अच्छा या फिर बुरा सही
अब दूध नहीं बन पायेगा
जो जमकर के बन चुका दही
तो भी गम क्या है बहुत जतन
मथ डालो बन जाये मक्खन
फिर तपा इसे घी निकलेगा
हर मेहनत का फल निकलेगा
जो आज बहुत है सस्ता सा
उम्मीद से मंहगा निकलेगा
मेहनत की मिट्टी में बो दो
लोहा भी कुंदन निकलेगा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.....!
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.....!
ReplyDeleteजो आज है बहुत है सस्ता सा
ReplyDeleteउम्मीद से मंहगा निकलेगा
मेहनत की मिट्टी में बो दो
लोहा भी कुंदन निकलेगा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति........
bahut hi sunder...
ReplyDeletenav varsh ki hardik shubhkamnaaen!!!
सब से पहले तो same pinch ...:) आपकी और मेरी पोस्ट का शीर्षक एक ही है :-)यह सच है कि मेहनत करने वालों कि कभी हार नहीं होती मगर जो बीत गया सो बीत गया कहना बहुत आसान है। मगर सब कुछ भूलाकर आगे बढपाना शायद बहुत मुश्किल... सदा सरल शब्दों में बहुत ही प्रभावशाली रचना लिखी है आपने बधाई ...समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति.........नववर्ष की शुभकामनायें.....
ReplyDeleteBahut khoob ... Loha tap ke hi kundan banta hai ...
ReplyDeleteNaye Saal ki Bahut shubh kamnayen ...
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति……………आगत विगत का फ़ेर छोडें
ReplyDeleteनव वर्ष का स्वागत कर लें
फिर पुराने ढर्रे पर ज़िन्दगी चल ले
चलो कुछ देर भरम मे जी लें
सबको कुछ दुआयें दे दें
सबकी कुछ दुआयें ले लें
2011 को विदाई दे दें
2012 का स्वागत कर लें
कुछ पल तो वर्तमान मे जी लें
कुछ रस्म अदायगी हम भी कर लें
एक शाम 2012 के नाम कर दें
आओ नववर्ष का स्वागत कर लें
सुन्दर अभिवयक्ति....नववर्ष की शुभकामनायें.....
ReplyDeleteवाह! :)
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